The best Side of piles treatment at home
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ज्यादा गंभीर हालात में चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी होता है।
लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें, और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से ज़रूर मिलें।
कम फाइबर वाला आहार : बवासीर का कारण कम फाइबर वाला आहार बन सकता है क्योंकि इससे कब्ज होता है। और कब्ज के कारण मल त्याग के दौरान तनाव मलाशय की नसों पर दबाव डालता है, जिससे बवासीर का विकास या बिगड़ जाता है।
मलाशय के भीतर उनके स्थान और जहां सूजी हुई नस विकसित होती है, उसके आधार पर बवासीर चार मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है। प्रकारों में शामिल हैं:
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क्या बवासीर का इलाज केवल सर्जरी से संभव है?
थेना नेचुरल वेलनेस: यह सिट्ज बाथ के लिए उपयोग की जाती है।
सर्जरी के बाद बवासीर दोबारा हो सकता है?
सब्जियां: पालक, मेथी, गाजर, और मूली को अपने आहार में शामिल करें।
गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं में बवासीर होने का अधिक खतरा रहता है। दरअसल प्रेगनेंसी के दौरान गर्भाशय फैलता है। इसके कारण कोलन में वेइन पर दबाव पड़ने से यह सूज जाता है, जो बवासीर का कारण बनता है।
नागकेसर: रक्तस्राव को रोकने में सहायक।
वजन उठाना: भारी वजन उठाने से भी गुदा की नसों पर get more info दबाव बढ़ सकता है।
मस्सों को छुए या दबाएं नहीं, नियमित रूप से सफाई करें।
कब्ज भी बवासीर का एक प्रमुख कारण है। कब्ज में मल सूखा एवं कठोर होता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को मलत्याग करने में कठिनाई होती है। काफी देर तक उकड़ू बैठे रहना पड़ता है। इस कारण से वहां की रक्तवाहिनियों पर जोर पड़ता है, और वह फूलकर लटक जाती है, जिन्हें मस्सा कहा जाता है।